Wednesday 2 May 2018

मोदी से मोहभंग, अब जीतेंगे हम

कांग्रेस पार्टी की रविवार को रामलीला मैदान में जन आक्रोश रैली ने दिल्ली के नेताओं के चेहरे पर रौनक ला दी है। वे अब मान रहे हैं कि उनका खोया जनाधार वापस लौटने लगा है। आक्रोश रैली में प्रदेश ने पूरी ताकत झोंक दी थी। इस रैली की सफलता और विफलता पार्टी के भविष्य से जुड़ी हुई थी। यह रैली अपने आप में इसलिए भी अत्याधिक महत्व रखती थी क्योंकि राहुल गांधी के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद दिल्ली में यह उनकी पहली विशाल रैली थी। इसलिए पूरी कांग्रेस ने रैली को कामयाब बनाने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रखा था। मंच संचालन से लेकर हर चीज पर पैनी नजर रखी जा रही थी। बेशक रैली की सफलता व बेहतर इंतजाम ने दिल्ली प्रदेश पार्टी आलाकमान का भी सिक्का जमा दिया। पिछले दिनों राजघाट पर आयोजित अनशन के दौरान हुई किरकिरी के बाद कांग्रेस आलाकमान के सामने जन आक्रोश रैली एक चुनौती थी, जिसे बाखूबी कुशल नेतृत्व के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने सफल बनाया। महीनेभर से रैली के आयोजन को लेकर लगे अजय माकन खुद देर रात तक रुक कर रैली की तैयारियों का जायजा लेते रहे थे। इस रैली की सफलता से अजय माकन का कद बढ़ेगा। इस रैली ने यह साबित कर दिया है कि कांग्रेस के पास अब भी जमीन से जुड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं की कमी नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपने साथ कांग्रेस के बुजुर्ग नेताओं को लेकर चलने का प्रयास कर रहे हैं। रविवार की रैली पर 47 की उम्र के राहुल के साथ 54 साल के अजय माकन के अलावा अधिकतर अनुभवी कांग्रेसी 65 साल के ऊपर की उम्र के थे। अपने युवा अध्यक्ष का भाषण सुनकर मंच पर अगली कतार में बैठे बुजुर्ग कांग्रेसी भी जोश से भर उठे और अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी रामलीला मैदान में बड़ी संख्या में आए कांग्रेसी नेताओं व कार्यकर्ताओं को निराश नहीं किया। राहुल ने अपने भाषण में मोदी सरकार पर जमकर हमला किया। वैसे भी रैली में कांग्रेस के सभी नेताओं के निशाने पर प्रधानमंत्री मोदी रहे। राहुल गांधी ने तो अपने भाषण का बड़ा भाग प्रधानमंत्री की खामियां गिनाने और उनके असत्य बोलने पर ही केंद्रित रखा। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी ने भी यही कहा कि पीएम झूठ बोलते हैं, अब राहुल ही देश का भविष्य हैं। राहुल ने अपने भाषण में आरएसएस और भाजपा पर नफरत फैलाने का आरोप लगाया और आपस में झगड़ने वाले पार्टी के नेताओं को नसीहत दी कि जब इनसे लड़ा जा रहा हो, तब एकजुटता भी जरूरी है। लगातार हार की वजह से हतोत्साहित कार्यकर्ताओं को राहुल ने यह विश्वास दिलाने की कोशिश की कि उनके नेतृत्व में कांग्रेस इस साल सारे विधानसभा चुनाव और 2019 का लोकसभा चुनाव जीतेगी। उन्होंने कहा कि देश में जितना खराब माहौल अभी है, उतना पहले कभी नहीं रहा। उन्होंने कहा कि हर वर्ग सरकार से निराश है, क्योंकि देश में भय, आतंक, हिंसा और घृणा का माहौल पैदा हो गया है। सोनिया गांधी ने कहा कि पीएम मोदी ने चार साल में देश को कुछ नहीं दिया, बल्कि देश की गंगा-जमुनी संस्कृति को नष्ट करने को बढ़ावा दिया। उन्होंने कहा कि बोलने की आजादी छीनने की कोशिश की गई और सिवाय झूठ बोलने के कुछ नहीं किया गया। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि देश में हर तरफ निराशा बढ़ रही है, किसानों के प्रति सरकार बेपरवाह है, वो कर्ज से दबे हैं पर सरकार उनका कर्ज माफ नहीं करती। हाथ कंगन को आरसी क्या बहुत जल्द (12 मई) को कर्नाटक विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। उसमें पता चल जाएगा कि कांग्रेस की वास्तविक स्थिति क्या है? वह मोदी को हराने का कितना दम रखती है? कुल मिलाकर यह जन आक्रोश रैली सफल मानी जा सकती है।

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