Wednesday 11 April 2018

मामला पांच बाबाओं को राज्यमंत्री का दर्जा देने का

मध्यप्रदेश विधानसभा के चुनाव इस साल के अंत में होने हैं। उपचुनाव में हार से मध्यप्रदेश में श्री शिवराज सिंह चौहान चिंतित हैं। अब मुख्यमंत्री तरह-तरह के हथकंडे व कदम उठा रहे हैं ताकि आगामी चुनाव एक  बार फिर से वह जीत सकें। इससे साफ जाहिर है कि उन्हें अपने 14 सालों के कामों पर पूरा भरोसा नहीं। शायद भाजपा सरकार के 14 साल के काम से जनता संतुष्ट नहीं हो पाई। किसान, दलित, व्यापारी, मध्य वर्ग और कर्मचारी भाजपा सरकार की व्यवस्था से संतुष्ट नहीं हैं। यही वजह है कि शिवराज सिंह चौहान ने पांच बाबाओं को मंत्री का दर्जा दिया है। बता दें कि कम्प्यूटर बाबा के साथ इंदौर के भैयु महाराज, अमरकंटक (नर्मदा उद्गम) के हरिहरानंद जी, डिंडोरी के नर्मदानंद जी और पंडित योगेंद्र महंत को राज्यमंत्री पद का दर्जा देने वाला आदेश जारी कर दिया गया। फैसले के बाद से इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं। राम बहादुर शर्मा नाम के एक व्यक्ति की ओर से मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बैंच में जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि उन्होंने राज्यमंत्री की संवैधानिकता को लेकर याचिका लगाई है। फैसले के कारण बाबाओं के रुख में भी अचानक बदलाव आया है। कल तक जिन संतों ने शिवराज द्वारा विकास कार्यों की पोल खोलने के लिए नर्मदा घोटाला यात्रा शुरू करने का ऐलान किया था मंत्री पद की हैसियत मिलने के बाद वे बाबा जनजागरण करने की बात करने लगे हैं। बीते 28 मार्च को इंदौर के गोम्टगिरी स्थित कालिका आश्रम में संतों की एक बैठक में एक अप्रैल से 15 मई तक नर्मदा घोटाला महायात्रा निकालने का निर्णय लिया गया था। यह भी तय हुआ था कि इस यात्रा के दौरान उन छह करोड़ 67 लाख पौधों की गिनती का काम होगा जो मुख्यमंत्री चौहान की नर्मदा सेवा यात्रा कार्यक्रम के तहत गत वर्ष दो जुलाई से लगाए गए थे। इन बाबाओं ने इस सरकारी मेगा शो को महाघोटाला करार दिया था। कांग्रेसी नेता राज बब्बर ने पांच बाबाओं को राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने के फैसले को लेकर शिवराज सिंह चौहान सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान को विधानसभा चुनाव में जीत के लिए अब बाबाओं पर भरोसा करना पड़ रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद कांतिलाल भूरिया ने कहा कि संतों ने जब कहा कि वे सरकार के साढ़े छह-सात करोड़ के भ्रष्टाचार की पोल खोलने वाले हैं तो सरकार ने उनका मुंह बंद करने के लिए उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दे दिया है। देखना होगा कि बाबाओं के सहारे शिवराज सिंह चौहान की नैया पार होती है या नहीं?

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