Thursday 15 March 2018

पीएम से लेकर देवताओं पर टिप्पणी करने वाला नरेश अग्रवाल

बहुत दुख से कहना पड़ता है कि भारतीय जनता पार्टी सत्ता में बने रहने के लिए कुछ भी कर सकती है, किसी को भी पार्टी में शामिल कर सकती है। हमने अटल जी, आडवाणी जी का युग भी देखा जहां एक वोट कम रहने पर अटल जी ने सत्ता छोड़ दी थी। अब पार्टी को सत्ता की इतनी भूख हो गई है कि वह यह भी नहीं देखती कि कौन-सा नेता पार्टी में शामिल हो रहा है। उसका इतिहास, व्यवहार क्या रहा है? मैं बात कर रहा हूं अपने बेतुके, बकवास बयान देने वाले नरेश अग्रवाल की। हवा का रुख भांपकर सियासी डगर तैयार करने वाले नरेश अग्रवाल ने घाट-घाट का पानी पिया है। कांग्रेस से सियासी सफर शुरू करके लोकतांत्रिक कांग्रेस, सपा व बसपा में सत्ता का स्वाद चखने के बाद अब वह भाजपा की शरण में आ गए हैं। विवादित बयानों से चर्चा में रहने वाले नरेश अग्रवाल चन्द दिन पहले तक पानी पी-पीकर भाजपा व उसके शीर्ष नेताओं को कोस रहे थे। पीएम मोदी से लेकर हिन्दू देवी-देवताओं को गाली देने वाले को आखिर भाजपा ने क्यों शामिल किया? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शादी न करने पर चुटकी लेते हुए नरेश अग्रवाल ने कहा था, उन्होंने शादी तो की नहीं, वह परिवार का मतलब क्या जानेंगे। वहीं लखनऊ में वैश्य समाज की बैठक में मोदी के लिए जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल करते हुए उन्हें वैश्य समाज का हिस्सा मानने से इंकार कर दिया था। नेताओं को तो छोड़िए नरेश अग्रवाल ने तो हिन्दू देवी-देवताओं को भी नहीं बख्शा। नरेश अग्रवाल ने राज्यसभा में कहा था, व्हिस्की में विष्णु बसें, रम में श्रीराम, जिन में माता जानकी और ठर्रे में हनुमान। सियावर रामचन्द्र की जय। भगवानों की तुलना व्हिस्की व रम से करने वाले और भाजपा आईटी सेल द्वारा चन्द दिन पहले ही पाकिस्तानी प्रवक्ता करार दिए गए पूर्व सांसद नरेश अग्रवाल को भाजपा में शामिल करना अत्यंत दुखद है। सपा से अपनी टिकट कटने से गुस्साए नरेश अग्रवाल ने भाजपा में शामिल होते ही अपनी आदत अनुसार विवादास्पद बयान दे डाला। नरेश ने कहा कि फिल्म में काम करने वालों से उनकी तुलना की जा रही है। फिल्मों में डांस करने वालों के नाम पर उनका टिकट काटा गया है। हालांकि इस बयान पर सुषमा स्वराज ने उनके बयान की आलोचना की। जाहिर है कि नरेश अग्रवाल जया बच्चन की बात कर रहे थे। इससे यही साबित होता है कि उन्हें भाजपा की नीति-रीति से कोई मतलब नहीं। यह वही नरेश अग्रवाल हैं जिन्होंने पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव के मामले में कहा था कि अगर पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को अपने देश में आतंकवादी माना है तो वो उस हिसाब से जाधव के साथ व्यवहार करेगा। हमारे देश में भी आतंकवादियों के साथ ऐसा ही व्यवहार करना चाहिए। यह वही नरेश अग्रवाल हैं जिन्होंने यूपी के बाद बदायूं में हुए गैंगरेप पर कहा थाöआप एक बछिया को भी जबरदस्ती घसीटकर नहीं ले जा सकते। पता नहीं कि उत्तर प्रदेश में जहां भाजपा का झंडा गड़ चुका है वहां के इस बद्दिमाग, बद्जुबान नेता को क्यों लिया गया? ऐसे लोगों से पार्टी की छवि बिगड़ती है और यह भी साबित होता है कि ऐसा व्यक्ति जो आपके देवी-देवताओं को गाली दे, प्रधानमंत्री को गाली दे वह भी पार्टी में सत्ता की खातिर स्वीकार्य है।

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