Sunday 11 February 2018

सस्ता क्रूड खरीदा और महंगा पेट्रोल-डीजल बेचा

इन तेल कंपनियों को जनता की कितनी फिक्र है इसी से पता चल जाता है कि यह दोनों हाथों से पब्लिक को लूट रही हैं और सरकार ने इन्हें ऐसा करने की खुली छूट दे रखी है। लोग पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से परेशान हैं और सरकारी कंपनियां अपना मुनाफा बढ़ाने में लगी हुई हैं। सरकार की सबसे बड़ी तेल कंपनी इंडियन ऑयल कंपनी (आईओसी) ने गत मंगलवार को जारी तीसरी तिमाही (अक्तूबर-दिसम्बर 2017) के नतीजे में बताया है कि कंपनी ने दोगुना मुनाफा कमाया है। 2016 की दिसम्बर तिमाही में प्रॉफिट 3994.91 करोड़ रुपए का था जो 97 प्रतिशत बढ़कर 7883.22 करोड़ रुपए हो गया। वजह कंपनी ने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल तो सस्ते में खरीदा, लेकिन पेट्रोल-डीजल महंगे दामों पर बेचती रही। इससे कंपनी का रिफाइनिंग मार्जिन काफी बढ़ गया। रेवेन्यू के लिहाज से इंडियन ऑयल देश की सबसे बड़ी कंपनी है। इंडियन ऑयल 27.58 प्रतिशत प्रोसेसिंग करती है, जबकि रिलायंस 28.41 प्रतिशत, भारत पेट्रोलियम 14.69 प्रतिशत, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम 10.40 प्रतिशत। हमारी जेब कटती गई और कंपनी का मुनाफा बढ़ता गया। इसके दो बड़े सबूत हैं। पहला, आईओसी का मुनाफा 97 प्रतिशत बढ़ गया, लेकिन रेवेन्यू में सिर्फ 13 प्रतिशत इजाफा हुआ है। पहले यह 1.15 लाख करोड़ था। अब 1.30 लाख करोड़ हो गया है। दूसरा, मात्रा के लिहाज से भी पिछले साल की तिमाही की तुलना में घरेलू बाजार में बिक्री सिर्फ 4.1 प्रतिशत बढ़ी और रिफाइनरी प्रोसेसिंग भी 11.4 प्रतिशत ही बढ़ा है। दिल्ली में 30 जनवरी 2018 को उपभोक्ता को पेट्रोल 72.93 रुपए प्रति लीटर और डीजल 64.00 रुपए प्रति लीटर मिला। इसका ब्रेकअप ऐसे हैöडीलर को बेचा 34.33, एक्साइज ड्यूटी 19.49, डीलर का मार्जिन 3.61, वैट 15.50। इस तरह पेट्रोल की कीमत 72.93 बनी। इसी तरह डीजल डीलर को बेचा 36.71, एक्साइज ड्यूटी 15.33, डीलर मार्जिन 2.53 और वैट 9.43, कुल मिलाकर कीमत बनी 64.00 रुपए प्रति लीटर। भारत की अर्थव्यवस्था में पेट्रोल और डीजल कीमतों का बड़ा रोल है। इसकी बढ़ती कीमतों का रिबाउंड इफैक्ट होता है। तमाम महंगाई का एक बड़ा कारण यह है। सरकार ने इन कंपनियों को पब्लिक को लूटने की खुली छूट दे रखी है। पब्लिक महंगाई के बोझ तले दब रही है और यह कंपनियां अपना मुनाफा बढ़ाने में लगी हुई हैं। डीजल कीमतों के बढ़ने से किसान भी परेशान हैं, क्योंकि उसकी लागत बढ़ गई है और उसको बढ़ी कीमतों के हिसाब से रिटर्न नहीं मिल रही। जनता को इस लूट से बचाना चाहिए और कीमतों पर नियंत्रण करना चाहिए।

-अनिल नरेन्द्र

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