Saturday 17 February 2018

इन जांबाज जवानों पर हमें गर्व है



जम्मू के सुंजवां आर्मी कैंप पर हमले के दौरान आतंकियों से मुकाबला करते हुए देश के बहादुर जवानों के एक से बढ़कर एक रोमांचक किस्से सामने आ रहे हैं। हमले में मेजर अभिजीत इस कदर घायल हो गए थे कि उन्हें तीन-चार दिन तक बाहरी दुनिया की कोई खबर ही नहीं रही। सर्जरी के बाद होश में आते ही भारत के इस बहादुर लाल का पहला सवाल थाöआतंकियों का क्या हुआ? मेजर अभिजीत का इलाज ऊधमपुर के आर्मी अस्पताल में चल रहा है। ऊधमपुर कमांड अस्पताल के कमांडेंट मेजर जनरल नदीप नैथानी ने कहा कि अभिजीत का आत्मबल काफी ऊंचा है। घायल मेजर वापस ड्यूटी पर जाने के लिए भी तत्पर है। सुंजवां हमले में शहीद हुए पांच सैनिकों में एक ऐसा जांबाज भी था जिसने बिना हथियार ही कायर आतंकियों से लौहा लिया और शहीद होने से पहले अपने परिवार सहित न जाने कितने लोगों की जान बचाई। एके-47 राइफलें, ग्रेनेड और अन्य घातक हथियारों से पूरी तरह लैस होकर आए आतंकियों से वह अकेले और निहत्थे ही भिड़ गए। सीना व शरीर के अन्य हिस्से आतंकियों की गोलियों से छलनी हो गए। देशभक्ति में डूबा खून का एक-एक कतरा बह गया, लेकिन आतंकियों को अंतिम सांस तक रोके रखा। अपने परिवार के साथ अन्य कई सैन्य परिवारों की जान बचाकर वह जांबाज शहीद हो गया। यह शौर्य गाथा शनिवार को फिदायीन हमले में शहीद हुए जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के सूबेदार मदन लाल (50) की है। शहीद का परिवार मिलिट्री स्टेशन सुंजवां स्थित उनके क्वार्टर में आया था। मदन लाल के भतीजे की शादी के लिए वे शॉपिंग करने को ठहरे हुए थे तभी फिदायीन हमला हुआ। आवासीय क्षेत्र में घुसे आतंकी सूबेदार मदन लाल के क्वार्टर की ओर बढ़े। तब मदन लाल के पास कोई हथियार नहीं था। आतंकियों ने उन पर एके-47 से गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। शहीद होने से पहले उनका भरसक प्रयास यही रहा कि उनका पूरा परिवार पीछे के गेट से बाहर निकल जाए। हालांकि इसमें उनकी 20 वर्षीय बेटी नेहा को टांग में गोली लग गई। साली परमजीत कौर को भी मामूली चोटें आईं लेकिन वे वहां से बच पाने में सफल हो गईं। शहीद मदन लाल अगर कुछ देर आतंकियों को रोके रखने में सफल नहीं होते तो कुछ और लोगों की जान भी चली जाती। मदन लाल के भाई सुरिन्दर कहते हैं कि मुझे अपने छोटे भाई पर गर्व है जो अपने परिवार को बचाने के लिए आखिरी दम तक आतंकियों से लौहा लेता रहा। हम बहादुर शहीदों को श्रद्धांजलि पेश करते हैं। जय हिन्द।

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