Friday 5 January 2018

सुपर स्टार रजनीकांत नई भूमिका में

तमिल सिनेमा के सुपर स्टार रजनीकांत ने नया साल आते ही अपने लिए नई भूमिका चुन ली है। रविवार को कई दिनों के सस्पैंस के बाद उन्होंने राजनीति में आने का ऐलान कर ही दिया। इसी के साथ ही बहुत लंबे समय से लगाई जा रही अटकलों पर विराम लग गया। उनकी इस घोषणा से तमिलनाडु की राजनीति में नया मोड़ तो आएगा ही बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में इसका प्रभाव होगा। रजनीकांत कोई सामान्य कलाकार नहीं हैं। उनके लाखों चाहने वालों के लिए वह एक आइकॉन हैं और पूजे जाते हैं। उनका जादू लोगों के सिर पर किस कदर बोलता है इसके अनेक प्रमाण समय-समय पर मिलते रहते हैं। यूं तो तमिलनाडु की राजनीति दशकों से अन्नाद्रमुक और द्रमुक के दो ध्रुवों में बंटी रही है। पर इसका यह अर्थ नहीं कि किसी तीसरे ध्रुव के लिए गुंजाइश नहीं थी। कोई एक दशक पहले फिल्म अभिनेता विजयकांत ने अन्नाद्रमुक और द्रमुक के बरक्स 10 प्रतिशत वोट हासिल कर तीसरी संभावना को रेखांकित किया था। रजनीकांत विजयकांत से बड़े अभिनेता हैं और लोकप्रियता में तो उनका कोई सानी नहीं है। रजनीकांत ऐसे समय राजनीति में आ रहे हैं, जब कई दशकों तक राज्य की सियासत को प्रभावित करने वाले दो दिग्गज परिदृश्य से हट चुके हैं, जयललिता का निधन हो चुका है और द्रमुक सुप्रीमो एम. करुणानिधि काफी बुजुर्ग होने के कारण अब सक्रिय नहीं हैं। स्थिति यह है कि जयललिता के निधन के बाद रिक्त सीट पर हुए उपचुनाव में उनकी जेल में बंद सहेली शशिकला के भतीजे दिनाकरण विजयी हो गए और अन्नाद्रमुक और द्रमुक को हार देखनी पड़ी। यह स्थिति तमिलनाडु में एक बड़े राजनीतिक शून्य की ओर इशारा करती है, जिसे रजनीकांत भरना चाहते हैं। यह कहना मुश्किल है कि राजनीति में आने के बाद उनको कितनी सफलता मिलती है लेकिन ऐसे व्यक्ति का राजनीति में आना कम से कम निप्रभावी तो नहीं हो सकता। उन्होंने तमिलनाडु की सभी 234 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। अगर वे इस पर कायम रहते हैं तो इसका अर्थ यह भी निकाला जा सकता है कि फिलहाल वह किसी अन्य दल से कोई गठबंधन करने के मूड में नहीं हैं। पहले कयास लगाया जा रहा था कि वे भाजपा के सम्पर्क में हैं। उनके विचार भी भाजपा के निकट जाने जाते हैं। चाहे एमजी रामचन्द्रन रहे हों या जयललिता दोनों फिल्म से ही आए। करुणानिधि ने भी फिल्मों में पटकथा लेखन का कार्य किया है। तो क्या रजनीकांत भी इतिहास दोहराएंगे?

-अनिल नरेन्द्र

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