Wednesday 6 December 2017

क्या कांग्रेस नौ प्रतिशत का अंतर पाट सकेगी?

उत्तर प्रदेश के नगर निकाय चुनाव में भले ही भाजपा का डंका बज रहा हो लेकिन छह महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव के मुकाबले वोट प्रतिशत नौ प्रतिशत गिरा है। वहीं बसपा के वोट प्रतिशत में चार प्रतिशत की कमी आई है। सबसे कम 1.4 प्रतिशत की गिरावट सपा के खाते में आई है। वह भाजपा के बाद दूसरे नम्बर की पार्टी बनकर उभरी है। कांग्रेस भले ही ज्यादा सीटें जीतने में कामयाब नहीं रही लेकिन अकेले चुनाव लड़ने से उसका वोट प्रतिशत बढ़ा है। तीनों पार्टियों के वोट प्रतिशत में बड़ी सेंध निर्दलीयों ने लगाई है। अगर हम बात करें वोट प्रतिशत की तो कांग्रेस पार्टी गुजरात चुनाव में जातिगत नेताओं के सहारे उन नौ प्रतिशत मतों के अंतर को पाटने की कोशिश में लगी है जिनसे भाजपा पिछले चुनाव में विजयी रही थी। कांग्रेस को उम्मीद है कि राहुल गांधी की रैलियों में उमड़ने वाली भीड़ उनके पक्ष में मतदान करेगी तथा साथ ही नए स्थानीय सहयोगियों से पार्टी को अतिरिक्त सहायता मिलेगी। ये सहयोगी हैंöपाटीदार आंदोलन के हार्दिक पटेल, ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर और दलित कार्यकर्ता जिग्नेश मेवानी। ठाकोर कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं वहीं पटेल ने मुख्य विपक्षी पार्टी को समर्थन देने की घोषणा की है। चुनाव आयोग के 2012 के गुजरात चुनाव के आंकड़ों के अनुसार उस वक्त भाजपा को 47.85 प्रतिशत मत मिले थे वहीं कांग्रेस को 38.93 प्रतिशत मत मिले थे। दोनों पार्टियों के बीच 8.92 प्रतिशत मतों का अंतर था। वर्तमान मतदाता सूची के अनुसार गुजरात में 4.35 करोड़ मतदाता हैं। गुजरात कांग्रेस प्रदेश कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष कुंवर जी भाई बवालिया के अनुसार इस बार पार्टी भाजपा को कांटे की टक्कर दे रही है। उन्होंने बातचीत में कहाöहमारा अपना प्रचार, हार्दिक पटेल की पाटीदार समुदाय में स्वीकार्यता और ओबीसी तथा दलितों में अल्पेश और जिग्नेश का प्रभाव, यह सब बड़ी चुनौती पेश करेंगे। लेकिन भाजपा कांग्रेस के दावे को मानने के लिए राजी नहीं है। गुजरात भाजपा प्रवक्ता हर्षद पटेल ने कहा कि 2012 के चुनाव के बाद 2014 में आम चुनाव हुए जिसमें अनेक विधानसभाओं में भाजपा को बड़ी जीत मिली थी। कांग्रेस के करारे हमलों और सत्ता विरोधी लहर की अटकलों के चलते कुछ बचाव की मुद्रा में दिख रही भाजपा जीडीपी के उत्साहजनक आंकड़ों के बाद से ही उत्साहित हो गई थी और उत्तर प्रदेश चुनाव के परिणाम ने जैसे उसके लिए सोने पर सुहागा का काम कर दिया है। कुल मिलाकर गुजरात चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर दे रही है कांग्रेस और उसके सहयोगी। अगर यह गठबंधन 8.92 प्रतिशत का अंतर पाट ले तो कुछ भी हो सकता है।

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