Tuesday 12 December 2017

अब जनता का पैसा हड़पने में जुटी सरकार ः आप पार्टी

आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार बैंकों में जमा देश के लोगों का पैसा हड़पने की तैयारी में है। पार्टी प्रवक्ता राघव चड्ढा का कहना है कि संसदीय समिति को भेजा गया केंद्र सरकार का द फाइनेंशियल रिजोल्यूशन एंड डिपाजिट इंश्योरेंस स्कीम 2017 बैंकों में जमा आम लोगों के पैसों के लिए परमाणु बम की तरह विनाशकारी साबित होगा। अगस्त में पेश किया गया था यह बिल। इसकी वजह से लोगों में इस बात का डर बैठ गया है कि बैंकों में जमा किए गए फंड का इस्तेमाल बैंक अपनी जरूरत के हिसाब से कर सकते हैं। सीधे शब्दों में कहें तो सरकार अब बैंकों को बेल आउट नहीं करेगी। अभी तक हर बार ऐसा होता है कि एनपीए बढ़ने के बाद बैंक सरकार की शरण में आ जाते थे और सरकार बांड खरीद कर बेल आउट करती थी। लेकिन अब सरकार का फोकस बेल आउट की जगह बेल इन पर होगा। इसमें ज्यादा एनपीए वाले बैंकों को अपने बेल आउट का इंतजाम खुद करना होगा। इस सूरत में बैंकों को अपने बेल आउट का इंतजाम बैंक में जमा रकम से करना होगा। यानी बैंकों में ग्राहकों का जो पैसा होगा उसका एक हिस्सा बैंक अपने बेल आउट में इस्तेमाल करेगा। अभी तक सरकारी बैंकों में जमा आपका पैसा क्रेडिट गारंटी के चलते एक सीमा तक सुरक्षित रहता है। आप पार्टी नेताओं का कहना है कि केंद्र की मोदी सरकार इस कानून को संसद में पेश करने की तैयारी कर रही है। इसके लागू होने के बाद बैंकों में जमा जनता का पैसा बैंक हड़प जाएंगे और लोग कुछ नहीं कर पाएंगे। राघव चड्ढा व विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यदि संसद में यह विधेयक पास हो जाता है तो बैंक में जनता का जो भी पैसा सावधि जमा रहेगा? उसका भुगतान उसी स्थति में किया जाएगा जब भुगतान के वक्त बैंक की आर्थिक स्थिति ठीक होगी और ऐसा भी हो सकता है कि बैंक आपके खाते में कुल जमाराशि को ही हड़प ले। यह प्रावधान इस कानून के आर्टिकल 52 में किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति ने बैंक खाते में अपने बुढ़ापे या फिर किसी बीमारी या फिर बच्चों की पढ़ाई, शादी आदि के लिए रखा होगा। वह पैसा इस कानून के लागू होने के बाद कभी भी डूब सकता है। आप नेता ने कहा कि तीन प्रकार से बैंक आपका पैसा हड़प सकता है। पहली सूरत यह होगी कि यदि आपके बचत खाते में 10 लाख रुपए की राशि मौजूद है और आपका बैंक अगर किसी विजय माल्या जैसे उद्योगपति के लोन वापस न लौटाने की वजह से नुकसान में चला जाता है तो बैंक अपनी मर्जी से आपके खाते में मौजूद 10 लाख रुपए में से घटाकर एक लाख रुपए भी कर सकता है। दूसरा तरीका यह भी हो सकता है कि उपरोक्त बैंक आपके खाते में मौजूद सारा पैसा हड़प ले और आपके खाते का बैलेंस शून्य हो जाए और तीसरा तरीका यह कि बगैर आपकी मर्जी के बैंक आपके पैसे को अगले 15-20 सालों के लिए फिक्स डिपाजिट में बदल दे। चड्ढा ने कहा कि इस कानून के लागू होने के बाद इसके मामले में किसी अदालत में सुनवाई तक नहीं होगी। आप नेताओं ने कहा कि इससे पहले साइप्रस में ऐसा कानून लागू हो चुका है और इस कानून के आने के बाद वहां भी बड़ी संख्या में आम लोगों का पैसा हड़प लिया गया था और लोग कंगाल हो गए थे। इस प्रस्तावित विधेयक के खिलाफ ऑनलाइन याचिका पर हस्ताक्षर करने वालों में हजारों लोग शामिल हो गए हैं। विधेयक के प्रावधानों को लेकर आशंकाओं को दूर करने हेतु वित्त मंत्रालय ने कहा है कि वित्तीय समाधान एवं जमा बीमा विधेयक 2017 जमाकर्ताओं के हक में है और इसमें उनके लिए वर्तमान कानून की तुलना में अच्छे प्रावधान किए गए हैं। मंत्रालय ने कहा कि इस विधेयक से जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा संबंधी मौजूदा हितों में कोई बदलाव नहीं होगा। बल्कि इस विधेयक में उनके हितों के पारदर्शितापूर्वक संरक्षण के कुछ अतिरिक्त प्रावधान किए गए हैं।

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