Saturday 4 November 2017

अब अमेरिका में भी ट्रक से आतंकी हमला

अमेरिका के न्यूयार्क शहर में मैनहेटन इलाके में एक बार फिर आतंकी हमला हुआ है। 9/11 के बाद शहर में यह सबसे बड़ा आतंकी हमला बताया जा रहा है। मंगलवार को उज्बेकिस्तान मूल के एक व्यक्ति ने न्यूयार्क के मैनहट्टन में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के पास भीड़भाड़ वाले साइकिल पथ पर ट्रक दौड़ा दिया। इसमें आठ लोगों की मौत हो गई और 11 अन्य घायल हो गए। मंगलवार को हुई इस घटना के बाद 29 साल के हमलावर के पेट में एक बहादुर पुलिस अफसर ने गोली मार दी। घायल होने के  बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। हमलावर का नाम सैफुल्ला सेइपोव है। वह एक प्रवासी है जो 2010 में आया था। ट्रक चलाने से पहले वह उबर कंपनी का कैब ड्राइवर था। आतंकी अब फोर व्हीलर गाड़ियों को हत्याओं के हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि अमेरिका में पहली बार आतंकियों ने वारदात करने के लिए ट्रक का इस्तेमाल किया है। इस साल दुनिया में छठा आतंकी हमला है जिसमें ट्रक, वैन या कार का इस्तेमाल हुआ है। बाकी पांच हमले यूरोप के ब्रिटेन, स्पेन और स्वीडन में हुए हैं। सबसे अधिक (तीन हमले) लंदन में हुए हैं। इस तरह का पहला बड़ा हमला जुलाई 2016 में फ्रांस के नीस शहर में हुआ था। करीब 3.05 बजे हमलावर ट्रक चलाते हुए न्यूयार्क के मैनहट्टन में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के पास एक फुटपाथ में घुसा। ड्राइवर तेजी से साइकिल वालों को और पैदल चल रहे लोगों को कुचलते हुए आगे बढ़ा। करीब आधा किलोमीटर बाद ट्रक एक स्कूल बस से भिड़ गया जिसमें दो बच्चे घायल हो गए। ट्रक रुक जाने के बाद हमलावर बंदूक लेकर बाहर भागा। पुलिस अफसर ने उसे पेट में गोली मारकर घायल कर दिया। ट्रक से मिले नोट में लिखा थाöहमला आईएस (इस्लामिक स्टेट) ने करवाया। अगर 2014 से हिसाब लगाया जाए तो यूरोप और अमेरिका में ट्रकों और कारों से कुचलने वाले 15 आतंकी हमले हो चुके हैं जिनमें कुल 142 लोग मारे गए हैं। चूंकि सुरक्षा व्यवस्था कड़ी होने के कारण आतंकी हथियारों का इंतजाम नहीं कर पाते इसलिए आईएस जैसे संगठन ट्रक किराये पर लेकर लोगों को कुचलने की रणनीति को अपना रहे हैं। अच्छी बात यह है कि इस बार आतंकी को जिन्दा पकड़ लिया गया है। वह बुरी तरह घायल है, फिर भी उम्मीद है कि उससे पूछताछ में कुछ अहम सूचनाएं मिलेंगी। ताजा हमले से एक बार इसकी पुष्टि होती है कि बेशक आईएस का सबसे बड़ा गढ़ भले ही नष्ट कर दिया गया हो या उस पर कब्जा कर लिया गया हो, पर कट्टर इस्लामी धारा के रूप में यह जिन भी लोगों के मन में अपनी पैठ बना चुका है, वे सब एक टाइम बम के रूप में हमारे पास इस तरह से मौजूद हैं कि उनकी पहचान करने पर ही हो पाएगी। इस हमले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सारी दुनिया आतंकवाद की चपेट में है और जब तक वैश्विक स्तर पर ईमानदारी से इसका मुकाबला नहीं किया जाता तब तक ऐसी वारदातें होती रहेंगी।

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