Saturday 4 November 2017

पीएम बनाम सीएम लड़ाई में जीतेगा कौन?

भाजपा और कांग्रेस के बीच अगले लोकसभा चुनाव की सियासत के लिहाज से नाक की लड़ाई बन चुका हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में मंजर कुछ-कुछ ऐसा बन गया है कि जिसमें एक ओर सियासी योद्धाओं की फौज मैदान में है तो मुकाबले में उतरा दूसरा योद्धा अकेले अपनी आखिरी जंग लड़ रहा है। भाजपा ने मतदान से ऐन पहले 73 वर्षीय प्रेम कुमार धूमल को सीएम उम्मीदवार बनाया है। उनके सामने हैं वर्तमान मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र सिंह जो 83 वर्ष के हैं। चुनाव अभियान के इस स्वरूप से साफ है कि भाजपा को जहां अपने केंद्रीय नेतृत्व और पीएम मोदी के चेहरे पर सबसे ज्यादा भरोसा है, वहीं कांग्रेस हाई कमान के लिए हिमाचल चुनाव की एकमात्र उम्मीद और दांव वीरभद्र ही हैं, तभी तो अर्की हलके पर वीरभद्र के चुनाव प्रभारी हर्ष महाजन कहते हैं कि निस्संदेह यह चुनाव पीएम बनाम वीरभद्र है। अब इसे वीरभद्र का अति आत्मविश्वास कहा जाए या फिर कांग्रेस की सियासी नैया के अकेले पतवार होने की उनकी मजबूरी, वजह चाहे जो भी हो, अर्की का चुनाव भी कम दिलचस्प नहीं है। वीरभद्र पर ही कांग्रेस का पूरा अभियान टिका होने की वजह के बारे में प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि ऐसा नहीं है कि केंद्रीय नेता दिलचस्पी नहीं ले रहे। वास्तविकता यह है कि पार्टी प्रत्याशी केवल वीरभद्र की सभाओं के लिए ही आग्रह कर रहे हैं। कांग्रेस महासचिव सुशील कुमार शिंदे, आनंद शर्मा, गौरव गोगोई शिमला में बैठे हैं मगर प्रत्याशी उनमें रुचि नहीं दिखा रहे। कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं की प्रचार में कम भूमिका के बारे में पूछे जाने पर शिमला ग्रामीण से चुनाव लड़ रहे वीरभद्र के बेटे विक्रमादित्य सिंह कहते हैं कि ऐसी बात नहीं है, पंजाब में कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, राज बब्बर और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के अगले कुछ दिनों में आने का कार्यक्रम है। देश की नजरें भले ही सिर्फ गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनावों तक सीमित हों पर भाजपा डेढ़ साल बाद होने वाले लोकसभा चुनाव तक की 10 मंजिलों का खाका बनाकर चल रही है। गुजरात के बाद लोकसभा तक आठ राज्यों के विधानसभा चुनाव होने हैं और भाजपा का लक्ष्य है हर मोर्चे पर फतेह यानि 10 में से 10 राज्यों में सरकार के साथ 2019 लोकसभा चुनाव में बड़ी फतेह। भाजपा का दावा है कि वह गुजरात और हिमाचल दोनों स्थानों पर जीत हासिल करेगी। तैयारी इसके आगे की भी शुरू हो चुकी है। हिमाचल प्रदेश में सभी 68 विधानसभा सीटों में कांग्रेस और भाजपा के बीच जोरदार मुकाबले की संभावना है। कांग्रेस के लिए हिमाचल की उस परंपरा को बदलने की भी चुनौती होगी जिसमें हर पांच साल बाद सरकारें बदलती हैं। पीएम मोदी ने अपनी सभाएं शुरू कर दी हैं और इनमें काफी भीड़ भी आ रही है। देखें, सीएम बनाम पीएम की इस लड़ाई में जीत किसकी होगी?

-अनिल नरेन्द्र

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