Friday 24 November 2017

आधार जानकारियों का लीक होना?

निश्चित रूप से अगर यह जानकारी सही है कि केंद्र और राज्य सरकारों की 210 वेबसाइटों ने लोगों की आधार से जुड़ी जानकारियां सार्वजनिक की हैं तो यह चिन्ताजनक ही नहीं बल्कि एक तरह से विश्वास तोड़ना है। अभी तक सरकार की ओर से यह बार-बार आश्वासन दिया जाता रहा है कि आधार से जुड़ी जानकारी एकदम सुरक्षित है और इनके लीक होने का कोई खतरा नहीं है। आधार कार्ड जारी करने वाली संस्था भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानी यूआईडीएआई भी यही दावा करती है। किन्तु अब इसी संस्थान ने सूचना के अधिकार कानून के तहत मांगी गई जानकारी में यह भूल स्वीकार की है। यूआईडीएआई ने यह स्पष्ट किया कि उसने इस उल्लंघन पर संज्ञान लिया है और इन वेबसाइटों से जानकारियां हटवा दी हैं। संस्थान ने डाटा लीक होने के सन्दर्भ में अपने एक बयान में कहा है कि तथ्यों को सही तरीके से प्रस्तुत नहीं किया गया है। उसने कहा कि आधार डाटा पूरी तरह से सुरक्षित है और यूआईडीएआई में डाटा न चोरी हुआ और न ही लीक हुआ है। उसने कहा कि इन वेबसाइटों पर जो डाटा सार्वजनिक किए गए हैं वे सूचना के अधिकार कानून के तहत किए गए हैं और संस्थानों की वेबसाइटों पर लाभार्थियों के नाम, पता बैंक खाता और आधार सहित दूसरी जानकारियां जारी गई हैं। ये आंकड़े तीसरे पक्ष या उपयोगकर्ताओं द्वारा विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए संग्रहित डाटा हैं जो सूचना के अधिकार कानून के तहत सार्वजनिक किए गए हैं। उसने फिर से इस बात पर जोर दिया है कि यूआईडीएआई की ओर से आधार के ब्यौरे को कभी सार्वजनिक नहीं किया गया। हम उसके इस दावे को भी स्वीकार कर लेते हैं कि यह एक व्यवस्थित तंत्र है और भविष्य में जानकारियां लीक न हों, उसके पुख्ता उपाय उसने किए हैं। किन्तु जिन लाभार्थियों के नाम-पते सहित अन्य जानकारियां सार्वजनिक हुईं उनका क्या? अगर किसी ने इसका दुरुपयोग कर ऐसे लोगों के नाम पर कुछ गोरखधंधा कर लिया तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी? इसलिए यूआईडीएआई का इतना कहना पर्याप्त नहीं हो सकता कि उसने जानकारियां हटवा दी हैं और भविष्य में ऐसा नहीं होगा। केंद्र सरकार विभिन्न सामाजिक सेवा योजनाओं का लाभ उठाने के आधार को अनिवार्य करने की प्रक्रिया में है। सुप्रीम कोर्ट में आधार को अनिवार्य करने पर सुनवाई चल रही है। न्यायालय ने निजी जानकारियों को मौलिक अधिकार माना है। इस फैसले के आधार पर सार्वजनिक की गईं सूचनाएं संबंधित व्यक्तियों के मौलिक अधिकारों के उल्लंघन की श्रेणी में आएगा। आधार जानकारियों का लीक होना बहुत बड़ी गलती है और इसके लिए सरकार को और सख्त नियम बनाने होंगे ताकि यह लीक न हों।

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