Tuesday 3 October 2017

मेट्रो की महंगाई बढ़ाएगी सड़कों पर जाम की समस्या

दिल्ली मेट्रो द्वारा बढ़ोत्तरी का चौतरफा विरोध हो रहा है। दिल्ली मेट्रो में 10 अक्तूबर से बढ़ा किराया लागू हो रहा है। शनिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर बढ़ोत्तरी को रोकने का आग्रह किया है। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी को भेजे पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आम आदमी के हित में केंद्र सरकार इस बढ़ोत्तरी को रोकने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि किराया समिति की सिफारिशों के मुताबिक वर्ष में केवल दो बार ही किराया बढ़ाया जा सकता है। इस सिफारिश का उल्लंघन किया जा रहा है। तय नियम छह माह बाद ही किराया बढ़ाने की अनुमति देता है। महंगाई को ध्यान में रखकर ही किराया तय हो सकता है। बढ़ोत्तरी सात प्रतिशत से अधिक नहीं होगी। इसका भी पालन नहीं किया गया। एक वर्ष में यदि बढ़ोत्तरी का आंकलन किया जाएगा तो यह करीब 80 प्रतिशत होगी। दिल्ली मेट्रो द्वारा किराये में किए जा रही बढ़ोत्तरी का असर आने वाले दिनों में दिल्ली में दिखेगा। करीब तीन माह पूर्व दिल्ली मेट्रो ने 66 प्रतिशत तक किराये में बढ़ोत्तरी की थी। अक्तूबर में फिर से मेट्रो का किराया बढ़ने जा रहा है। ऐसे में संभावना है कि करीब एक लाख तक और दैनिक मेट्रो यात्री अन्य विकल्प की तलाश करेंगे। इससे पहले भी मेट्रो को प्रतिदिन एक लाख यात्रियों का नुकसान हुआ था। मेट्रो को छोड़ने के बाद इन यात्रियों ने बसों के अलावा अन्य विकल्पों की तलाश की। इसमें बाइक पहली पसंद रही है। परिवहन विभाग के अनुसार दिसम्बर 2016 तक दिल्ली में 63 लाख दोपहिये वाहन थे जो वर्तमान में 68 लाख के करीब पहुंच गए हैं। दिल्ली की सड़कों पर वाहनों की संख्या बढ़ने से जाम की स्थिति भी लगातार बढ़ रही है। वर्तमान में एक करोड़ पांच लाख से अधिक वाहन दिल्ली की सड़कों पर दौड़ रहे हैं। सार्वजनिक परिवहन की खस्ता हालत होने के बाद इसमें वाहनों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। बता दें कि दिल्ली में डीटीसी की करीब चार हजार बसें हैं। इनमें 400 से 500 बसें सड़कों पर उतर नहीं पातीं। इसके अलावा समय पर मरम्मत का काम पूरा न होने के कारण अधिकतर बसें सड़कों पर ही दम तोड़ देती हैं। वहीं दिल्ली में कलस्टर की करीब 1600 बसे हैं। इनमें भी मरम्मत के अभाव के कारण बसें सड़कों पर खराब हो रही हैं। दूसरी ओर दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) का कहना है कि विश्वस्तरीय सुविधाएं देने के लिए मेट्रो के किराये में बढ़ोत्तरी जरूरी है। तर्क दिया है कि आठ साल बाद किराया बढ़ाया है, जिसका औसत सालाना सात से आठ प्रतिशत ही आएगा। डीएमआरसी की ओर से मीडिया में जारी इस बयान को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के पत्र का जवाब माना जा रहा है। महंगाई के बोझ से दबे दिल्लीवासियों को अब मेट्रो का झटका भी सहना पड़ेगा।

-अनिल नरेन्द्र

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