Tuesday 10 October 2017

अरुणाचल प्रदेश में क्यों होते हैं इतने हेलीकॉप्टर हादसे?

शुक्रवार सुबह लगभग साढ़े छह बजे भारतीय वायुसेना का एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर अरुणाचल प्रदेश के त्वांग के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसमें सवार सभी सात सैन्य कर्मियों की मौत हो गई। इनमें वायुसेना के दो पायलट और दो सैनिक भी शामिल थे। एमआई-17 रूस में बना सैन्य परिवहन हेलीकॉप्टर है। शुक्रवार की घटना जिस इलाके में हुई वो जगह भारत-चीन सीमा के पास है। त्वांग और उसके आसपास के इलाके में मौसम एकाएक बदलता है। तेज धूप और खुले आसमान वाले मौसम को घने बादलों और मूसलाधार बारिश में बदलते देर नहीं लगती। अरुणाचल प्रदेश के अतीत में इस तरह की दुर्घटनाएं होती रही हैं। अरुणाचल प्रदेश में इतने ज्यादा हेलीकॉप्टर के हादसे होते हैं कि उसके चलते इस इलाके को दुनिया का दूसरा बरमूडा ट्रायंगल भी कहा जाता है। दरअसल यहां के पहाड़ों की ऊंचाई बहुत ज्यादा असमतल है और इसके चलते हवा का दबाव भी बदलता रहता है। इसके चलते ही त्वांग और सेला पास के एयरस्पेस को उड़ान के नजरिये से सबसे ज्यादा खतरनाक माना जाता है। सेला पास के पास तो हर पांच मिनट में मौसम बदलता है। यहां पर अमूमन घने बादल होते हैं, जिसके चलते यहां हेलीकॉप्टर उड़ान बेहद मुश्किल माना जाता है। इतना ही नहीं, इस इलाके में हवा का बहाव पश्चिम से पूर्व की ओर होता है जो उड़ान की दिशा के विपरीत होता है। कई बार हवा की रफ्तार इतनी तेज होती है कि उसमें हेलीकॉप्टर अपने रास्ते से भटक जाता है। अगर यह कहा जाए कि अरुणाचल हेलीकॉप्टरों के हादसों का प्रदेश है तो गलत नहीं होगा। अरुणाचल प्रदेश में इसी साल जुलाई में वायुसेना का एक और हेलीकॉप्टर भी हादसे का शिकार हुआ था जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी। ठीक इस हादसे के समय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू का एमआई-17 हेलीकॉप्टर ईटानगर में खराब मौसम के कारण हादसे का शिकार होते-होते बचा था। 2015 में पवन हंस का एक हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया। इस हादसे में अरुणाचल के तिरप जिले के डिप्टी कमिश्नर कमलेश जोशी और दो अन्य लोग मारे गए थे। अरुणाचल में हेलीकॉप्टर हादसों का इतिहास रहा है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दोर्जी खांडू की मौत 29 अप्रैल 2011 में एक हेलीकॉप्टर हादसे में हुई थी। 16 अप्रैल 2011 में त्वांग में ही एक हेलीकॉप्टर लैंड करते समय क्रैश हो गया था। घटना में 16 लोगों की मौत हुई थी। नवम्बर 1997 में रक्षा राज्यमंत्री एनवीएन सोमू, मेजर जनरल रमेश नागपाल समेत दो लोगों की मौत चीता हेलीकॉप्टर क्रैश में त्वांग के पास हुई थी। ताजा हादसे में मरने वाले सैन्य अधिकारियों में विंग कमांडर विक्रम उपाध्याय, स्क्वाड्रन लीडर एस. तिवारी व अन्य शामिल थे। हमारी उन्हें श्रद्धांजलि।

-अनिल नरेन्द्र

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