Thursday 3 August 2017

लगातार अपग्रेड होती दिल्ली पुलिस

दिल्ली पुलिस भारत की सबसे अच्छी पुलिस फोर्स में से एक मानी जाती है। देश की राजधानी होने के कारण दिल्ली के समक्ष चुनौतियां भी ढेर सारी हैं। आतंकवाद के बढ़ते कदम से पुलिस को भी अपने आप को उसी हिसाब से अपग्रेड करना पड़ता है। आतंकवादियों की पहुंच अब बेहद खतरनाक श्रेणी में आने वाले पीटीएन, आरडीएक्स व अन्य विस्फोटकों तक हो चुकी है। इस तरह से नए खतरे से निपटने के लिए अब दिल्ली पुलिस अब इजरायल की तर्ज पर खुद को टेक्नोलॉजी से लैस कर रही है। पिछले तीन महीने में दिल्ली पुलिस ने शक्तिशाली विस्फोटों के साथ डिफ्यूज करने वाले डिजिटल उपकरण खरीदे हैं। इनमें एक्सप्लोसिव डिटेक्टर, डीप सर्च मेटल डिटेक्टर, हुक एंड लाइन मशीन, टेलिस्कोपी मैनी पुलेटी, एक्सप्लोसिव प्रोटेक्ट सूट जैसे हाई टैक उपकरण शामिल हैं। यूपी विधानसभा में मिला पीएनटी विस्फोटक ही साल 2011 में दिल्ली हाई कोर्ट परिसर के बाहर ब्लास्ट में इस्तेमाल हुआ था। देश की राजधानी दिल्ली हमेशा से ही आतंकियों के टॉप टारगेट पर रही है। लॉ एंड आर्डर के साथ ही ऐसे खतरों की चुनौती दिल्ली पुलिस के सामने हमेशा बनी रहती है, जिसे प्लान में रखते हुए दिल्ली पुलिस इजरायल, अमेरिका व अन्य विकसित देशों की तरह आतंकी घटनाओं का मुकाबला करने के लिए खुद को टेक्नोलॉजी से अपग्रेड करती रहती है। इससे न सिर्फ इन्वेस्टिगेशन में मदद मिलेगी बल्कि पुलिसकर्मियों का मनोबल भी बढ़ेगा। कश्मीर, केरल, पश्चिम बंगाल, यूपी, बिहार ऐसे राज्य है जहां जेहादी गतिविधियों में तेजी आई है पर तमाम तरह की कोशिशों के बावजूद ये जेहादी दिल्ली में कोई बड़ा कांड नहीं कर सके। यह दिल्ली पुलिस की सतर्कता के ही कारण है कि कोई बड़ा हमला दिल्ली में कई सालों से नहीं हो सका है। टेक्नोलॉजी अपग्रेड का कार्य पिछले कई महीनों से चल रहा है लेकिन बीते तीन महीने में इसमें तेजी आई है। खरीदे गए खास तरह के उपकरण बम और इक्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेज का पता लगाना और उसे डिफ्यूज करने में माहिर है। इनमें 23 एक्सप्लोसिव डिटेक्टर, 21 डीप सर्च मेटल डिटेक्टर,  24 हुक एंड लाइन मशीन, 26 फाइबर प्लास्टिक स्कोप, 26 टेलिस्कोपिक, मैनी  पुलेटर्स है। दिल्ली पुलिस ब्लास्टिंग मशीन, रिमोट कार ओपनिंग किट, दूर से आपरेट करने वाले रिमोट, व्हीकल भी खरीद रही है, जो बाजारों में पार्किंग जैसी पब्लिक मूवमेंट वाली जगहों पर बम या अन्य विस्फोटकों का पता लगा सकते हैं। एक विशेष सूट भी खरीदा जा रहा है जिससे हेलमेट में लगे कैमरे से विस्फोटकों के आसपास की रिकार्डिंग होती है। एक रिमोट कंट्रोल व्हीकल है जो बम को डिफ्यूज डिटेक्टर दूर से कर सकती है। कोई भी पैकेट पड़ा हो तो यह रिमोट आपरेटिड व्हीकल पास जाकर देख सकती है कि इसमें क्या है। इससे पुलिसकर्मी विस्फोट से उड़ने से बचते हैं।

-अनिल नरेन्द्र

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