Tuesday 18 July 2017

डोकलाम में भारतीय-चीनी सेना आमने-सामने

चूंबी घाटी के डोकलाम पठार पर भारत और चीन के बीच शीर्ष स्तर पर पहुंच चुकी तनातनी बढ़ गई है। भारत और चीन के बीच विवाद की जड़ बने डोकलाम क्षेत्र में चीन की सेना ने लंबे समय तक तैनाती की तैयारी कर ली है। जवाब में भारतीय सेना ने भी डोकलाम इलाके में अपनी पोजीशन पर लंबे समय तक डटे रहने की तैयारी कर ली है। भारत, चीन और भूटान से सटे इलाके में भारतीय सैनिकों को हटाने के लिए चीन लगातार दबाव बना रहा है। लेकिन वहां तैनात भारतीय सैनिकों ने भी तंबू गाड़ लिए हैं। सूत्रों ने बताया कि डोकलाम में तैनात सैनिकों को सभी जरूरी सामान लगातार सप्लाई किया जा रहा है। यह चीन को स्पष्ट संकेत है कि भारतीय सेना उसके किसी भी दबाव के आगे नहीं झुकेगी। जब तक उसकी पीपल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिक वापस नहीं लौटते, भारतीय सैनिक भी पीछे नहीं हटेंगे। इन हालात में सिक्किम सेक्टर में करीब 10 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित इस क्षेत्र में भारत-चीन की सेनाओं के बीच तनाव और लंबा खिंचने के आसार हैं। गतिरोध को तीन हफ्ते से ज्यादा समय हो चुका है। विवाद वाले इलाके में भारत और चीन की सेनाएं 300-300 की संख्या में बताई गई हैं और दोनों सेनाओं के बीच महज 120 मीटर की दूरी है। कर्नल लेवल के अधिकारी दोनों तरफ की सेनाओं की अगुवाई कर रहे हैं। बताया गया है कि भारत के मुकाबले चीन के सैनिक इस इलाके में ज्यादा सहज नहीं हैं। भारतीय सेनाओं के लिए ग्राउंड जीरो से सप्लाई प्वाइंट महज आठ से 10 किलोमीटर दूर है, जबकि चीन की सेनाओं के लिए यह 60 से 70 किलोमीटर दूर है। चीन की सेना इस इलाके में नहीं रहती है। वह करीब 60-70 किलोमीटर दूर खांबोजोंग में रहती है, लेकिन विवादित इलाके में उसका लगातार आना-जाना लगा रहता है। भारतीय सेना की इस इलाके में हमेशा मौजूदगी रही है। वह दिसम्बर तक सहजता से टिके रहने की तैयारी में हैं। दोनों तरफ की सेनाओं के बीच कोई फ्लैग मीटिंग नहीं हो रही है, क्योंकि यह माना जा रहा है कि फैसला अब राजनीतिक स्तर पर होना है। इस मुद्दे पर भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी सूरत में कदम पीछे खींचने को तैयार नहीं है। सरकार की ओर से कहा गया है कि अंतर्राष्ट्रीय सीमा के निकट चीन के सड़क निर्माण करने से भारत के सामरिक हित प्रभावित हो रहे हैं। उधर कांग्रेस के प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में कांग्रेस सरकार के साथ है। मगर पार्टी इन मामलों को संसद में उठाएगी। भारत और चीन आमने-सामने हैं देखें कौन झुकता है?

-अनिल नरेन्द्र

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