Sunday 23 July 2017

आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाह पाकिस्तान

आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को घेरने की भारत की मुहिम को बुधवार को बड़ी सफलता मिली। अमेरिका ने आखिरकार पाकिस्तान को आतंकवाद का संरक्षक देश घोषित कर ही दिया। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्टö`कंट्री रिपोर्ट ऑन टेरेरिज्म' में कहा गया है कि लश्कर--तैयबा, जैश--मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन पाकिस्तान से अपनी गतिविधियां चला रहे हैं। यह संगठन वहां आतंकवादियों को प्रशिक्षण देते हैं, हमले संचालित कराते हैं और खुलेआम चन्दा जुटाते हैं। यही आरोप भारत बार-बार लगाता रहा है और अब अमेरिका ने इनकी पुष्टि कर दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में लगातार आतंकी हमले हो रहे हैं। इनमें पाक स्थित आतंकी संगठनों और नक्सलियों द्वारा किए जाने वाले हमले शामिल हैं। भारत जम्मू-कश्मीर में होने वाले आतंकी हमलों के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार बताता रहा है। जनवरी में भारत के पठानकोट स्थित सैन्य ठिकाने पर आतंकी हमला हुआ था। भारत ने इसका आरोप जैश--मोहम्मद पर लगाया। 2016 में भारत सरकार ने अमेरिका के साथ आतंकवाद रोधी सहयोग को गहरा बनाने और सूचनाएं साझा करने का प्रयास किया है। भारत सरकार आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठन और भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा के खतरे पर भी करीबी नजर रख रही है। यह संगठन अपने आतंकी प्रोपेगंडा के जरिये भारत को धमकी देते रहे हैं। भारत में आईएसआईएस से जुड़े और हमले की साजिश रचने के आरोप में कई गिरफ्तारियां भी हुई हैं। मुंबई आतंकी हमले का मास्टर माइंड और संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी घोषित हाफिज सईद पाक में अब भी रैलियां कर रहा है। जबकि फरवरी 2017 में पाकिस्तान ने आतंकवाद निरोधक कानून के तहत उसे प्रतिबंधित कर रखा है। अमेरिका द्वारा आतंक के पनाहगाह देशों की सूची में शामिल होने वाला पाक 13वां देश है। इस सूची में अफगानिस्तान, सोमालियाद ट्रांस सहारा, सुल-सुलवेसी सीस लिटाराल, दक्षिण फिलीपींस, मिस्र, इराक, लेबनान, लीबिया, यमन, कोलंबिया और वेनेजुएला शामिल हैं। हालांकि अमेरिकी कदम से पाकिस्तान पर आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई का दबाव जरूर बढ़ेगा। लेकिन इससे पाक पूरी तरह आतंकवाद पर नकेल कस देगा, इसमें संदेह है। दरअसल अमेरिकी कांग्रेस पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित करने के पक्ष में थी, लेकिन ट्रंप सरकार ने दो कदम आगे और एक कदम पीछे का कूटनीतिक संकेत दिया है। अब यह देखना होगा कि पाक अमेरिका के दबाव में कितना आता है। पाक को आतंक की पनाहगाह घोषित करके अमेरिका ने राजनयिक व कूटनीतिक रिश्तों का रास्ता खोले रखा है ताकि तालिबान और हक्कानी नेटवर्क पर कार्रवाई की गुंजाइश बनी रहे। देखना होगा कि पाक अब लश्कर व जैश पर कितनी विश्वसनीय कार्रवाई करता है?

-अनिल नरेन्द्र

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