Wednesday 12 July 2017

चौतरफा दबाव में घिरे सुशासन बाबू

जिस तरीके से बिहार में राजद नेता लालू प्रसाद यादव और उनके कुनबे पर छापे पड़ रहे हैं उससे लालू और उनके परिवार पर तो संकट के बादल छा रहे हैं वहीं इनसे बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन के भविष्य के बारे में भी अटकलें लगाई जानी स्वाभाविक ही हैं। भ्रष्टाचार के मामलों में लालू प्रसाद यादव के ठिकानों पर छापे तथा उनकी बेटी के आवास पर प्रवर्तन निदेशालय के छापे लालू प्रसाद यादव के लिए नई परेशानी बनकर आए हैं। सीबीआई ने रेल होटलों की लीज में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए न केवल लालू प्रसाद यादव के ठिकानों पर छापेमारी की बल्कि अब सबूत मिलने का दावा भी किया जा रहा है। यही नहीं, उनकी बेटी के फार्म हाउस पर छापे और उन पर और उनके पति पर मुखौटा कंपनियों के जरिये काले धन को सफेद करने के जो आरोप लगाए जा रहे हैं वह भी लालू के लिए चिन्ता का विषय जरूर होंगे। बेशक लालू की छवि सामाजिक न्याय के मसीहा के रूप में बनी हो, जिन्होंने समाज के निचले तबके को ऊपर उठाने का प्रयास किया हो, पर जातिवादी राजनीति, भ्रष्टाचार और अपने परिजनों को फायदा पहुंचाने का आरोप भी लगने से उनकी छवि को धक्का लगा है। बिहार की गठबंधन सरकार में अपने दो बेटों के जरिये, जो मंत्री हैं, उनकी अपनी राजनीति बदस्तूर चल रही है। लेकिन भ्रष्टाचार के जैसे आरोप लालू और उनके परिवार पर लग रहे हैं उससे उनका राजनीतिक भविष्य जरूर प्रभावित हुआ है। मुश्किल यह है कि भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे लालू और उनके परिवार का यह संकट सिर्फ उनके परिवार तक सीमित नहीं है उससे कहीं अधिक दबाव बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और गठबंधन सरकार पर पड़ रहा है। सुशासन बाबू को समझ नहीं आ रहा कि भ्रष्टाचार के आरोप लगने से वह क्या स्टैंड लें? नीतीश कुमार ज्यादा नहीं बोल रहे हैं। बेशक लालू और उनके परिवार पर लगे आरोपों का फैसला तो अदालतें करेंगी पर नीतीश को उससे पहले ही निर्णय लेना होगा कि वह तेजस्वी को अपने मंत्रिमंडल से हटाते हैं या नहीं? लालू का कहना है कि राजनीतिक बदले की भावना के तहत सरकार सीबीआई का इस्तेमाल कर रही है पर उससे वह आरोप-मुक्त नहीं होंगे। आरोप-मुक्त तो तभी होंगे जब अदालतें उन्हें बरी करती हैं। फिर राष्ट्रपति चुनाव सिर पर हैं। लालू की पार्टी लगता है कि अभी भी लालू के साथ है पर देखना यह होगा कि सीबीआई व अन्य सरकारी एजेंसियां आगे कैसे चलती हैं। नीतीश पर चौतरफा दबाव है।

-अनिल नरेन्द्र

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