Tuesday 22 March 2016

नकली नोटों का अड्डा बन गई है राजधानी दिल्ली

यह दुर्भाग्य की बात है कि देश की राजधानी दिल्ली अब नकली करेंसी का केंद्र बन गई है। देश में चार वर्ष के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में सबसे ज्यादा 50 करोड़ रुपए मूल्य के नकली नोट पकड़े गए हैं। नकली करेंसी चलाकर आतंकियों को मदद पहुंचाने की बात भी सामने आई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक जांच एजेंसियों को इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं कि पकड़ी गई करेंसी पाकिस्तान स्थित एक प्रेस में छपी है। दिल्ली तक इस करेंसी को पहुंचाने के लिए दक्षिण एवं दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में बने आत्मनिर्भर आपराधिक नेटवर्प की मदद ली जाती है। जिन देशों से नकली नोट भारतीय सीमा में लाए जाते हैं उनमें प्रमुख हैंöनेपाल, बांग्लादेश, थाइलैंड, मलेशिया, श्रीलंका एवं यूएई। जमीन बार्डर और समुद्र के रास्ते यह करेंसी दिल्ली तक पहुंचाई जाती है। दिल्ली में इस करेंसी को करीब 47 जगहों पर चलाया जाता है। इसी के मार्पत जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को मदद पहुंचाई जाती है। दिल्ली में कुछ दिन पूर्व जामा मस्जिद इलाके से नकली नोट पकड़े गए। निहाल विहार में भी पिछले दिनों बड़ी खेप मिली थी। दिल्ली पुलिस एवं आरबीआई की विभिन्न शाखाओं द्वारा पकड़े गए नकली नोटों की गुणवत्ता इतनी ज्यादा उच्च होती है कि उन्हें आसानी से नहीं पहचाना जा सकता। नकली करेंसी के मामले में दर्ज 250 एफआईआर और 178 आरोपियों से की गई पूछताछ में सामने आया है कि पिछले दो सालों के दौरान नकली नोटों को असली नोटों में इस्तेमाल होने वाले तमाम सुरक्षा मानकों से लैस कर दिया गया है। इन्हें केवल तकनीकी बारीकियों को समझने वाले बैंक कर्मचारी या फिर जांच एजेंसियां ही पकड़ सकती हैं। दिल्ली या दूसरे राज्यों में जितनी भी नकली करेंसी पकड़ी गई है वह पाकिस्तान की उच्च गुणवत्ता वाली प्रेस में छपी है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि नकली नोट बनाने के लिए जिस स्याही का इस्तेमाल किया गया है, वह उसी प्रेस की है, जहां पाकिस्तानी करेंसी छपती है। जांच में कथित तौर पर विदेशों से पैसा मंगवाने वाली एक एजेंसी और जम्मू-कश्मीर स्थित एक बैंक का नाम भी सामने आया है। आरबीआई ने ऐसे नोटों को रोकने के लिए, उनकी पहचान करने के लिए जागरुकता अभियान शुरू किया है। केंद्र व राज्य सुरक्षा एजेंसियों के बीच सूचनाएं साझा करने के लिए गृह मंत्रालय ने विशेष समन्वय केंद्र स्थापित किए हैं।

-अनिल नरेन्द्र

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